केंद्र सरकार का "सूचना का अधिकार " निश्चित ही आज एक शसक्त माध्यम है जिससे नौकर शाही, तानाशाही , भ्रष्टाचार जैसे कई बातो पर इससे अंकुश लगा है । लकिन यदि जो सूचना प्रदान करने बाले अधिकारी है उनके जगह पर यदि लायब्रेरियन को सूचना अधिकारी के रूप मै नियुक्त किया जाया तो निश्चित तौर पर तकनीकी रूप से जायदा अच्छा कार्य कर सकेगे जिससे सूचना प्रदान करने में लगने बाले समय , सुचना की गुणवत्ता , शुद्धता मै निश्चित ही सुधार आएगा । साथ ही लायब्रेरियन के पदों का सूखा भी समाप्त हो जायेगा।
Sunday, February 21, 2010
Tuesday, February 16, 2010
देर आयत दुरस्त आयत
Friday, February 12, 2010
क्या पी.एच.डी. को नियमित कोर्स एम् फिल की तरह करना चाहिए?
देश में पुस्तकालय विज्ञानं के क्षेत्र में शोध कार्य को उन्नत करने के लिए पी. एच .डी कोर्स को एम् फिल की तरह रेगुलर कर देना चाहिए जिससे की शोध की गुणवत्ता भी बनी रहे तथा योग्य विधार्थीयो को गाइड की समस्या भी ख़तम हो जाएगी ।
मध्यप्रदेश के साथ क्यों सोतेला व्यवहार ?
आज जहा देश के कई प्रदेशो में पुस्तकालय अधिनियम पारित हो चूका है वही मध्य प्रदेश क्यों आज इससे वंचित है ? क्या मध्यप्रदेश शासन को इसकी तनिक भी चिंता नहीं है
Thursday, February 11, 2010
Golden Rules for Library Science
1) Books/Information are for Use
2) Every book have its reader
3) Every Reader have its books
4) Save The Time of The Reader
5) Library always going orginism
2) Every book have its reader
3) Every Reader have its books
4) Save The Time of The Reader
5) Library always going orginism
The books is friend, philoshiper and guide
Hi,
Dear Library professional as librarian i just say the books is friend, philoshiper and guide.
Dear Library professional as librarian i just say the books is friend, philoshiper and guide.
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