केंद्र सरकार का "सूचना का अधिकार " निश्चित ही आज एक शसक्त माध्यम है जिससे नौकर शाही, तानाशाही , भ्रष्टाचार जैसे कई बातो पर इससे अंकुश लगा है । लकिन यदि जो सूचना प्रदान करने बाले अधिकारी है उनके जगह पर यदि लायब्रेरियन को सूचना अधिकारी के रूप मै नियुक्त किया जाया तो निश्चित तौर पर तकनीकी रूप से जायदा अच्छा कार्य कर सकेगे जिससे सूचना प्रदान करने में लगने बाले समय , सुचना की गुणवत्ता , शुद्धता मै निश्चित ही सुधार आएगा । साथ ही लायब्रेरियन के पदों का सूखा भी समाप्त हो जायेगा।
Sunday, February 21, 2010
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